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Kadi mantras are regarded as probably the most pure and will often be used for increased spiritual practices. These are associated with the Sri Chakra and are thought to carry about divine blessings and enlightenment.

रागद्वेषादिहन्त्रीं रविशशिनयनां राज्यदानप्रवीणाम् ।

आर्त-त्राण-परायणैररि-कुल-प्रध्वंसिभिः संवृतं

The Devas then prayed to her to ruin Bhandasura and restore Dharma. She is believed to possess fought the mom of all battles with Bhandasura – some scholars are with the view that Bhandasura took different sorts and Devi appeared in various kinds to annihilate him. Finally, she killed Bhandasura While using the Kameshwarastra.

साशङ्कं साश्रुपातं सविनयकरुणं याचिता कामपत्न्या ।

यत्र श्री-पुर-वासिनी विजयते श्री-सर्व-सौभाग्यदे

ह्रीङ्काराम्भोजभृङ्गी हयमुखविनुता हानिवृद्ध्यादिहीना

If the Shodashi Mantra is chanted with a transparent conscience and also a established intention, it could make any want arrive legitimate for you personally.

भगवान् शिव ने कहा — ‘कार्तिकेय। तुमने एक अत्यन्त रहस्य का प्रश्न पूछा है और मैं प्रेम वश तुम्हें यह अवश्य ही बताऊंगा। जो सत् रज एवं तम, भूत-प्रेत, मनुष्य, प्राणी हैं, वे सब इस प्रकृति से उत्पन्न हुए हैं। वही पराशक्ति “महात्रिपुर सुन्दरी” है, वही सारे चराचर संसार को उत्पन्न करती है, पालती है और नाश करती है, वही शक्ति इच्छा ज्ञान, क्रिया शक्ति और ब्रह्मा, विष्णु, शिव रूप वाली है, वही त्रिशक्ति के रूप में सृष्टि, स्थिति और विनाशिनी है, ब्रह्मा रूप में वह इस चराचर जगत की सृष्टि करती है।

ह्रीङ्कारं परमं जपद्भिरनिशं मित्रेश-नाथादिभिः

करोड़ों सूर्य ग्रहण check here तुल्य फलदायक अर्धोदय योग क्या है ?

ह्रीं ह्रीं ह्रीमित्यजस्रं हृदयसरसिजे भावयेऽहं भवानीम् ॥११॥

‘हे देव। जगन्नाथ। सृष्टि, स्थिति, प्रलय के स्वामी। आप परमात्मा हैं। सभी प्राणियों की गति हैं, आप ही सभी लोकों की गति हैं, जगत् के आधार हैं, विश्व के करण हैं, सर्वपूज्य हैं, आपके बिना मेरी कोई गति नहीं है। संसार में परम गुह्रा क्या वास्तु है?

यहां पढ़ें त्रिपुरसुन्दरी हृदय स्तोत्र संस्कृत में – tripura sundari hriday stotram

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